
Turmeric for IBS, IBS (Irritable Bowel Syndrome) की समस्या में हल्दी का उपयोग बहुत ही फायदेमंद है, एक अध्ययन के मुताबिक लगातार 8 हफ्ते तक हल्दी का सेवन करने से मरीजों में IBS के लक्षणों जैसे पेट में दर्द, बेचैनी, से राहत मिली। Irretable Bowel Syndrome (IBS) एक प्रकार की बड़ी आंत में होने वाली बीमारी है इस बीमारी में मुख्य लक्षण है:-
Irritable Bowel Syndrome (IBS) हमारे पाचन तंत्र को बुरी तरह प्रभावित करती है
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आंत की दीवारों की मासपेशियों में अत्यधिक और लम्बे समय के लिए संकुचन होने के कारण गैस, दस्त इत्यादि हो जाते है और मासपेशियों में में कम और थोड़े समय के लिए संकुचन होने से भोजन आगे की तरफ नही जा पता जिससे कब्ज हो सकती है ।
जब मस्तिष्क के द्वारा आंतो में सप्लाई की जा रही nerves और आंतो की कार्य प्रणाली में सही से सामंजस्य नही हो पाता, जिससे आंते पाचन तन्त्र सम्बंधित सामान्य परिवर्तन को भी सही से Cordinate नही कर पाती ऐसी स्थिति में पेट दर्द, दस्त या कब्ज हो जाती है, क्योकि आंत और मस्तिष्क की सिग्नलिंग में cordination नही हो पाता इसलिए मानसिक तनाव होने पर IBS की समस्या बढ़ जाती है।
आंतो में बैक्टीरिया या वायरस का संक्रमण भी IBS का कारण बन सकता है।
आंतो में लाभदायक सुक्षमजीवों की कमी होना
हमारे पाचन तन्त्र में कई प्रकार के बैक्टीरिया, वायरस, फंगस इत्यादि होते है जो हमारे पाचन तन्त्र के स्वास्थ्य के लिए काफी उपयोगी होते है IBS के मरीजों में ये सुक्षमजीव सामान्य लोगो से परिवर्तित होते है।
वैसे तो IBS में कोई स्पेशल भोजन की एलर्जी नही होती लेकिन फिर भी लोगो में अनाज, diary प्रोडक्ट, कोल्ड ड्रिंक्स, साइट्रस फल (खट्टे फ़ल), फलियाँ, पत्ता गोभी, दूध इत्यादि से IBS की समस्या बढ़ सकती है।
आज हम यह पर चर्चा करेंगे की Turmeric(हल्दी) Extract किस प्रकार IBS के ईलाज में सहायक है
Turmeric में मुख्य रूप से curcumin पाया जाता है जो की एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट होने के साथ साथ सुजनरोधी भी होता है Turmeric के विशेष गुण इस रसायन के कारण ही होते है।
Turmeric में मौजूद curcumin आंतो में होने वाले संकुचन को संतुलित करने में उपयोगी है इसके साथ ही एक शोध जो कि चूहों पर किया गया है के आधार पर curcumin मूड को भी को स्टेबल करने में सहायक है जो कि काफी हद तक IBS में उपयोगी होता है curcumin में एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाया जाता है
IBS से पीड़ित 207 वालंटियर पर एक शोध किया गया जिसमे 72 mg और 144 mg Turmeric प्रतिदिन 8 सप्ताह तक दिया गया साथ में उनको प्लेसिबो भी दिया गया जिसके परिणाम निम्नलिखित हैं :-
Sr. No | Dose | Decrease in IBS symptomps (%) | Releif in Abdominal discomfort (%) |
1 | 72 mg | 53 | 22 |
2 | 144 mg | 60 | 25 |
लगभग 66% लोगो में सभी IBS लक्षणों में सुधार हुआ और उनकी क्वालिटी ऑफ़ लाइफ में भी काफी सुधार हुआ
विशेष- curcumin जो कि एक polyphenol है उसका अवशोषण आंतो द्वारा कम होता है अगर curcumin को piperine जो की काली मिर्च (Black pepper) में पाया जाने वाला अल्कालॉयड है के साथ दिया जाता है तो Curcumin का अवशोषण बढ़ जाता है इसके साथ साथ इनके एंटीऑक्सीडेंट और सुजनरोधी गुण भी बढ़ जाते है शोध के आधार ये सिद्ध हुआ है के piperine जो की काली मिर्च में होता है को turmeric के साथ देते है तो curcumin का अवशोषण 2000 गुणा बढ़ जाता है एक शोध के आधार पर 20 mg piperin 2 ग्राम curcumin का अवशोषण बढ़ा सकता है
इसलिए Turmeric एक्सट्रेक्ट को यदि Black Pepper एक्सट्रेक्ट के साथ दिया जाता है तो इनके गुण और भी उपयोगी हो जाते है।
अधिकांश लोग सुविधा के लिए supplement रूप में हल्दी लेना चुनते हैं। इसके साथ अगर आप मसाले के भरपूर स्वाद का आनंद लेते हैं, तो आप अपने खाने में शामिल कर सकते हैं।
सप्लीमेंट के तौर में अगर आप हल्दी का चयन करते हैं तो इसमें सबसे प्रभावशाली Curcumin सप्लीमेंट है जो की हल्दी का मुख्य अवयव है जो IBS के उपचार में काम करता है । आप इसे बाज़ार में आसानी से खरीद सकते हैं, इसके लिए आपको भरोसेमंद विक्रेता से ही लेना चाहिए । Curcumin का सप्लीमेंट को खाने के बाद की बजाये खाली पेट लेना चाहिए , क्योंकि खाली पेट की अवस्था में ये शरीर में ज्यादा अवशोषित या Metabolize होना आसान है।
सप्लीमेंट लेते वक्त उसकी उचित डोज़ का ध्यान जरूर रखें, सामान्यत curcumin की डोज़ 1000 mg से 1500 mg प्रतिदिन आसानी से ली जा सकती है ।
References